भारत का सामाजिक तानाबाना स्वयं में जटिल और संवेदी है । सामाजिक , धार्मिक , शैक्षिक और पारिवारिक परिस्थितियां महिलाओं और बालिकाओं के लिए अनादिकाल से भेद भाव पूर्ण रही है । समाज में प्रचलित कुरीतियों एवं भेद भाव जैसे कन्या भ्रूण हत्या , असमान लिंगानुपात , बाल विवाह एवं बालिका के प्रति नकारात्मक सोच जैसी प्रतिकूलताओं के कारण प्राय बालिकाओं/महिलाओं अपने जीवन , संरक्षण , स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसे मौलिक अधिकारों से वंचित रह जाती है । इस परिवेश के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के रूप में नई पहल की। जारही है जो अत्यंत आवश्यक है ।
मुख्य मंत्री सुमंगला योजना :- इस योजना को 6 अलग-अलग श्रेणी के लिये अप्लाई किया जा सकता है ।
* प्रथम श्रेणी :- नवजात बालिकाओं जिनका जन्म 14 2019 या उसके पश्चात हुआ हो को रुपए 2000 एकमुश्त धनराज से लाभान्वित किया जाएगा
*द्वितीय श्रेणी :- वह बालिका सम्मिलित होंगी जिनका 1 वर्ष के भीतर संपूर्ण टीकाकरण हो चुका है तथा उनका जन्म 01/04/2018 से पूर्व ना हुआ हो को रु 1000 एकमुश्त धनराज से लाभान्वित किया जाएगा
*तृतीय श्रेणी :- वह बालिका सम्मिलित होंगी जिन्होंने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान प्रथम कक्षा में प्रवेश लिया हो को रुपए 2000 एकमुश्त धनराशि लाभान्वित किया जाएगा
*चतुर्थ श्रेणी :- वह बालिका सम्मिलित होंगी जिन्होंने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान छठी कक्षा में प्रवेश लिया हूं को रुपए 2000 एकमुश्त धनराशि लाभान्वित किया जायेगा
*पंचम श्रेणी :- वह बालिका सम्मिलित होंगी जिन्होंने चालू शैक्षणिक सत्र के दौरान नवी कक्षा में प्रवेश लिया हो को रुपए 3000 एकमुश्त धनराशि लाभान्वित किया जाएगा
*षष्टम श्रेणी :- वह सभी बालिका सम्मिलित होगी जिन्होंने 10वीं 12वीं कक्षा उत्तीर्ण कर के चालू सत्र के दौरान स्नातक डिग्री या कम से कम 2 वर्षीय डिप्लोमा में प्रवेश लिया हो को 5000 एकमुश्त धनराशि से लाभान्वित किया जाएगा ।
मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना की पात्रता की अहर्ताएं :-
1- लाभार्थी का परिवार उत्तर प्रदेश का निवासी हूं तथा उसके पास स्थाई निवास प्रमाण पत्र जिसमें राशन कार्ड आधार कार्ड वोटर पहचान पत्र विद्युत टेलीफोन का बिल मान्य होगा।
2- लाभार्थी की पारिवारिक वार्षिक आय अधिकतम 300000 हूं
3- किसी परिवार की अधिकतम दो ही बच्चियों को योजना का लाभ मिल सकेगा।
4- लाभार्थी के परिवार का आकार परिवार में अधिकतम 2 बच्चे हो।
5- यदि किसी महिला को द्वितीय प्रसव से जुड़वा बच्चे होने पर तीसरी संतान के रूप में लड़की को भी लाभ का अनुमन्य में होगा।
यदि किसी महिला को पहले प्रसव से बालिका है वा द्वितीय प्रसव से दो जुड़वा बालिकाएं ही होती हैं तो केवल ऐसी अवस्था में ही तीनों बालिकाओं को लाभ अनुमन्य होगा।
6- यदि किसी परिवार ने अनाथ बालिका को गोद लिया हो तो परिवार की जैविक संतानों तथा विधिक रूप से गोद ली गई संतानों को सम्मिलित करते हुए अधिकतम 2 बालिकाएं इस योजना का लाभ ले सकेंगे।
महत्वपूर्ण लिंक्स :-
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